Class 10 Hindi 3 lesson माँ मुझे आने दे !

1. बेटी माँ की सबसे अच्छी सहेली है? कैसे ?
उ. बेटी माँ की सबसे अच्छी सहेली है।
  • बेटी घर के आँगन में हरियाली बनना चाहती है।
  • माँ के आँचल में लिपटकर खुशबू बनना चाहती है।
  • माँ के माथे की सिलवटों में सिमटा अँधेरे को पोंछना चाहती है।
  •  माँ की आँकों की कोरों से निकलने वाले आँसुओं को पोंछ देना चाहती है।
  •  माँ की सपनों को वह सच करना चाहती है।

2. बेटी घर की खुशी है । कैसे ?
उ. बेटी घर की खुशी है
  •  बेटी के आने से रुखीला अहसास धुल जायेगा।
  • बेटी की किलकरियों और टुमकते कदमों के शब्द से घर का सन्नाटा तुरंत बिखर जायेगा। 
  • बेटे की उद्दंडता और पिता के गर्व के कारण घर में जो सन्नाटा बना हुआ है, वह मिट जायेगा।

3.माँ मुझे आने दे!' कविता आपको कैसी लगी और क्यों ?
उ. “माँ मुझे आने दे!'' कविता मुझे बहुत अच्छी लगी। क्योंकि इस कविता में एक अनदेखी बिटिया (गर्भस्त बेटी) अपनी माँ से इस दुनिया में उसे आने देने के लिए विनती करती है और उसे भरोसा देती है कि उसे आने देती तो वह माँ के प्रति क्या क्या करेगी? यह बड़ी हृदयस्पर्शी एवं मार्मिक कविता है।

4.'भ्रूण हत्या एक सामाजिक अपराध है।' क्या भ्रूणहत्या का दहेज प्रथा से संबंध है? विषय चर्चा कीजिए। पर
उ. भ्रूण हत्या एक सामाजिक अपराध है। भ्रूण हत्या मतलब एक विशेष लिंग कन्या को कोक में ही मार डालना वो भी ज्यातादर लड़कियों को! हमारे समाज मे लडकियो को बोझ समझते हैं। स्त्री और पुरुष से हमारा समाज का निर्माण होगा। अगर हमारे समाज मे स्त्री या पुरुष की कमी हो तो समाज का निर्माण ही नही होनी हो भ्रूण हत्य का दहेज प्रथा से संबंध है क्योंकि जब भी कोई लड़की भ्रूण मे होती हैं तब ही उसे मार दिया जाता है क्योकि उस को दहेज न मिला है। भ्रूण हत्या की कमी होने पर समाज की निर्माण होगी । इसलिए हम भ्रूण हत्या के होने वाले परिणामों के बारे में सभी लोगों को जागरुकता देनी चाहिए

अ) 'माँ मुझे आने दे!' कविता समाज की किस स्थिति के बारे में बताती है? लिखिए।
उ. "माँ मुझे आने दे!' कविता समाज में हो रही भ्रूण हत्याओं और आजकल के समाज में नारी की स्थिति के बारे में बताती है। आजकल के ज़माने में जो लिंग भेद है उसे यह कविता डट कर विरोध करती है। आजकल के ज़माने में बालिका शिक्षा पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता है। इस पर भी यह कविता ध्यान देती है।

आ) 'भ्रूणहत्या एक सामाजिक, मानवीय अपराध है।' अपने विचार लिखिए।
ज. सचमुच भ्रूणहत्या एक सामाजिक और मानवीय अपराध है। गर्भस्त बेटियों को मारना भ्रूणहत्या कहलाती है। समाज में यह एक सामाजिक असमानता स्त्री- पुरुषों के बीच में है। यह मनुष्यों के द्वारा किये जाने वाले मानवीय अपराध हैं। समाज स्त्री और पुरुष दोनों का साकार रूप है। इन दोनों का सामाजिक निर्माण एवं विकास में समान महत्व है। सामाजिक विषमताओं के कारण ये हत्याएँ हो रही हैं। ऐसे अपराध को समाप्त करना जरूरी है। इसलिए जो भ्रूणहत्या करेंगे, जो वैद्य इसके लिए स्कैनिंग लगाकर सहायता करते हैं उन पर दोषारोपण करके कैद भी करना चाहिए।

इ) इस विषय पर किसी महिला का साक्षात्कार लेने के लिए एक प्रश्नावली तैयार कीजिए।
 ज. यहाँ पर राजेश्वरी नामक एक महिला का साक्षात्कार लेने एक प्रश्नावली बनायी गयी है आपका नाम क्या है? क्या आप समाज में स्त्री और पुरुष के बीच में कोई असमानता देखते हैं ? क्या आप बेटी को अधिक चाहते हैं या बेटे को ? क्या आप भ्रूण हत्याओं का समर्थन करते हैं? आप भ्रूण हत्याओं को रोकने क्या सुझाव देते हैं? क्या आपके राय में समाज के निर्माण में स्त्री और पुरुष दोनों का समान महत्व है ?

ई) समाज के निर्माण में स्त्री और पुरुष दोनों का समान महत्व है। इस पर अपने विचार बताइए।
उ. समाज स्त्री और पुरुष दोनों का साकार रूप है। इन दोनों का सामाजिक निर्माण व विकास में समान महत्व है। स्त्री - पुरुष दोनों समाज रूपी शक्ति के दो रूप हैं। वेदों में स्त्री की तुलना देवी से की गयी है। कहते हैं जहाँ नारी का वास होता है वहाँ देवता बसते हैं। आजकल के सेना में, वायुयान विभाग में, नाविका दल में, पुलीस दल में, राजनीति क्षेत्र आदि में स्त्रियों का जो महत्वपूर्ण स्थान है वह हम देख रहे हैं। पुरुष के हार, जीत के पीछे स्त्री का ही हाथ है। इससे हम कह सकते हैं कि समाज के निर्माण में स्त्री और पुरुष दोनों का समान महत्व है।